बदलती परिस्थितियाँ: फरवरी 2021 मेंटाटमाडॉ द्वारा तख्तापलट के बाद सेम्यांमार मेंगहृ यद्ुध ने
एक महत्वपर्णू र्ण मोड़ लेलिया है, जिसके परिणामस्वरूप नेशनल लीग फॉर डमो े क्रेसी के नेतत्ृव वाली
सरकार को बाहर कर दिया गया है।
● हालिया घटनाक्रम: थ्री ब्रदरहुड एलायंस (TBA) नेअक्टूबर के अतं मेंसमन्वित हमलेशरूु किए, जिससे
सत्तारूढ़ जंटा ु को झटका लगा। इन हमलों के कारण कई ठिकानों को नकसान ु हुआ है, जिससेटाटमाडॉ
की सेनाएं दबाव मेआ गई हैंक्योंकि वेविशषे रूप सेग्रामीण इलाकों मेंविपक्षी मिलिशिया का सामना
कर रहेहैं।
● विपक्ष का गठन: तख्तापलट का जवाब देतेहुए, नेशनल लीग फॉर डमो े क्रेसी और उसके सहयोगियों ने
निर्वासन मेंएक राष्ट्रीय एकता सरकार (NUG) का गठन किया। उन्होंनेविद्रोही मिलिशिया की स्थापना
की, जिसेपीपल्ुस डिफेंस फोर्सेज के नाम सेजाना जाता है, जिसमेंकरेन, काचिन, चिन और करेनी जसै े
जातीय समहू शामिल थे, जिन्होंनेजंटा ु के अधिकार को चनौती ु दी थी।
● TBA की भमिू का: पहलेयद्ुधविराम की स्थिति बनाए रखतेहुए, म्यांमार नेशनल डमो े क्रेटिक अलायंस
आर्मी, तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी और अराकान आर्मी सहित थ्री ब्रदरहुड एलायंस के सदस्य अब संघर्ष
मेंशामिल हो गए हैं, जिससेउत्तरी शान राज्य मेंजंटा ु की पकड़ कमजोर हो गई हैऔर रखाइन राज्य में
शत्रता ु बढ़ गई है।
अतं र्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
● वश्वि ै क रुख: जबकि अधिकांश अतं र्राष्ट्रीय भागीदारों नेतख्तापलट की निदा ं की है, वहीं कुछ नेNUG
का पर्णू र्णसमर्थनर्थ किया है। यरोपीय ू संसद नेNUG को म्यांमार की वधै सरकार के रूप मेंमान्यता दी है।
● भारत का दृष्टिकोण: भारत, लोकतांत्रिक सधार ु ों की वकालत करतेहुए, म्यांमार मेंचीन के प्रभाव को
संतलिु त करनेके लिए सावधानीपर्वूकर्व जंटा ु के साथ जड़ुा हुआ है। इस रणनीतिक दृष्टिकोण नेचिन
राज्य मेंहिसा ं सेभाग रहेजंटा ु सनिै कों को मिजोरम मेंजानेकी अनमु ति देनेके भारत के फैसलेको
प्रभावित किया, जिससेमोरेह सीमा के माध्यम सेउन्हेंवापसी की सविु धा प्राप्त हुई।
म्यांमार के भविष्य के लिए संबंधों और संभावनाओंका पनु र्मूल्र्मूयांकन:
● जंटा ु की कार्रवाइयां: NUG की बढ़ती वधता ै तथा अधिक लोकतांत्रिक और संघीय म्यांमार की संभावना
के बावजदू , जंटा ु नेप्रतिरोध को दबानेके लिए नागरिक लक्ष्यों पर बमबारी सहित दमनकारी रणनीति का
सहारा लिया है।
● पनु र्मूल्र्मूयांकन की आवश्यकता: इन घटनाओं को देखते हुए, भारत जसै े देशों को जंटा ु के साथ अपने
संबंधों का पनु र्मूल्र्मूयांकन करनेऔर लोकतांत्रिक म्यांमार के समर्थनर्थ मेंअपनेरुख पर पनु र्विचार र्वि करनेकी
आवश्यकता बढ़ रही है।