• दोनों लड़कियों के परिवार ने बारात का किया स्वागत, शादी के कार्ड भी छपवाए
    लाइव राजस्थान. बांसवाड़। शादी के मंडप में दूल्हे ने एक साथ दो दुल्हनों के साथ शादी की। तीनों के परिवार ने सामाजिक रीति-रिवाज के साथ सभी रस्मों को पूरा किया। शादी का निमंत्रण कार्ड भी छपवाया गया, जिसमें दूल्हे के साथ दोनों दुल्हनों के परिवारों का नाम शामिल था। इस विवाह समारोह के साक्षी कई लोग बने। फेरों की रस्म के बाद दोनों दुल्हनों के परिवार ने उन्हें दूल्हे के साथ विदा किया। ये अनोखी शादी गुरुवार रात (30 नवंबर) को बांसवाड़ा जिले में हुई। विवाह की तैयारियों की शुरुआत पहले से ही हो गई थी और कार्ड बांटने सहित सभी रस्मों को पूरा किया जा रहा था। विवाह के समारोह को लेकर तीनों के परिवार वालों ने सभी तैयारियों को पूरा किया। आनंदपुरी उपखंड के आम्बादरा गांव के रहने वाले नरेश पारगी (26) की 30 नवंबर को शादी थी। नरेश खंडेरा गांव में बारात लेकर गया था। खास बात यह थी कि नरेश एक नहीं, दो दुल्हनों को ब्याहने गया था। उसकी खंडेरा गांव की रेखा रोत (23) और सेरावाला की अनिता डामोर (23) के साथ शादी थी। इस अनोखी शादी के समारोह में तीनों के परिवारजनों के साथ पूरा गांव शामिल हुआ था।
    दूल्हे को कंधे पर बैठाकर किया डांस
    बारात के पहुंचने पर दुल्हनों के परिवार ने दूल्हे को कंधे पर बैठा लिया और पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर डांस किया। महिलाओं ने मांगलिक लोक गीत गाए। उसके बाद दूल्हे को अंदर ले जाया गया। शादी में दूल्हे के ननिहाल पक्ष के लोगों ने डीजे बजाकर रस्में पूरी की। दुल्हनों के पीहर पक्ष ने भी कपड़ा व्यवहार कर रस्म अदा की। शादी में रिश्तेदार और गांव के लोग भी शामिल हुए। खाने-पीने के बाद फेरों की रस्म अदा की गई। दोनों दुल्हनों के परिजनों ने कन्यादान किया। दोनों दुल्हनों के सिर पर चुनरी ओढ़ाई गई। दूल्हे ने एक ही मंडप में दोनों दुल्हनों के साथ सात फेरे लेने की रस्म पूरी की। ग्रामीण ललित डामोर और गणेश धामोद ने बताया- दूल्हा नरेश साल 2013 में रेखा के संपर्क में आया था। वह उसे बिना शादी किए ही अपने घर लेकर आ गया था। इसे स्थानीय भाषा में दुल्हन को नातरा करके ले जाना कहते हैं। इसके करीब पांच साल बाद 2018 में रेखा को भी नातरा करके घर ले आया। तीनों साथ में गुजरात में मजदूरी करते थे। आर्थिक स्थिति सही होने पर दूल्हे ने दोनों दुल्हनों के परिवार से शादी समारोह की बात की। सहमति मिलने पर दोनों से 30 नवंबर को रीति-रिवाज से शादी की।
    यह है नातरा प्रथा
    बांसवाड़ा आदिवासी बहुल इलाका है। यहां नातरा प्रथा काफी प्रचलित है, जिसमें एक विवाह के बाद भी दूसरी युवती को साथ रखा जाता है। चाहे युवती पहले से शादीशुदा हो या कुंवारी। आनंदपुरी उपखंड क्षेत्र में इस तरह के दो विवाह पहले भी हुए हैं। 24 अप्रैल 2021 में कड़दा गांव और 25 जून 2023 को मुंद्री गांव में एक युवक ने एक साथ दो युवतियों के साथ शादी की थी। दोनों गांवों में दूल्हे ने दुल्हनों के साथ सामाजिक रीति रिवाज से सात फेरे लिए थे।